तत्सम एवं तद्भव शब्द / Tatsam and Tatbhav Shabd
तत्सम – तद्भव शब्द (Tatsam and Tatbhav Shabd)
तत्सम शब्दः संस्कृत भाषा के वे शब्द जो बिना किसी परिवर्तन के हिंदी भाषा में बोले जाते है तत्सम शब्द कहलाते है। जैसे – आम्र, उष्ट्र, अंगुष्ठ, घोटक, क्षीर, पुष्प इत्यादि।
तद्भव शब्दः तद्भव वे शब्द होते हैं जो संस्कृत से तो लिये गये हैं किन्तु समय के साथ उसके रूप परिवर्तित हो गये हैं। जैसे – आम, ऊँट, अँगूठा, घोड़ा, खीर, फूल इत्यादि।
तत्सम एवं तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम :-
(क) जिन शब्दों के अंत में हिंदी वर्णमाला के ‘क्ष’ अक्षर का प्रयोग होता है, वह तत्सम शब्द कहलाते हैं। ठीक इसी प्रकार जिन शब्दों के अंत में हिंदी वर्णमाला के ‘ख’ और ‘छ’ अक्षर प्रयोग होता है, वह तद्भव शब्द कहलाते हैं।
(ख) जब हिंदी भाषा के किसी शब्द में हिंदी वर्णमाला के अक्षर श्र, श, ष, व का प्रयोग किया जाता है तो वह तत्सम शब्द कहलाते हैं। इसी तरह हिंदी वर्णमाला के अक्षर स, ब का प्रयोग किया जाता है तो वह शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं।
(ग) जिन शब्दों में हिंदी की ऋ, र मात्रा का प्रयोग किया जाता है ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं।
UPSSSC, UP POLICE SI/CONSTABLE, PET, SSC GD, BIHAR POLICE, UPPSC, RO/ARO, UP (TET,TGT,PGT),
DSSSB (PRT/TGT/PGT), KVS (TGT/PRT/PGT/Nursery), NVS (TGT/PGT), NCERT (PRT), CTET और अन्य प्रतियोगी परीक्षों के द्वारा विगत वर्षों में पूछे गए महत्त्वपूर्ण तत्सम – तद्भव शब्द।
अ |
तत्सम शब्द तद्भव शब्द
अक्षवाट अखाड़ा
अमूल्य अमोल
अनार्य अनाड़ी
अन्यत्र अनत
अग्र आगे
अन्न अनाज
अष्टादश अठारह
अष्ट आठ
अमृत अमिय
अर्क आक
अज्ञानी अनजान
अभीर अहीर
अष्ट आठ
अम्बा अम्मा
अपूप पूआ
अर्द्धतृतीय ढाई
अक्षत अच्छत
अगम्य अगम
अवतार औतार
अट्टालिका अटारी
अद्य आज
अज्ञान अजान
अक्षि आँख
अग्नि आग
अर्द्ध आधा
अकस्मात अचानक
अश्रु आँसू
अक्षोट अखरोट
अग्रणी अगुवा
अग्निष्ठिका अंगीठी
अच्युत अचूक
अक्षर अच्छर
अक्षय आखा
अम्लिका इमली
अमावस्या अमावस
अत्र यहाँ
अवगुण औगुन
अर्चि आँच
अशीति अस्सी
अगणित अनगिनत
अवश्याय ओस
अर्पण अरपन
अरिष्ट रीठा
अनुत्थ अनूठा
अग्रणी अगाड़ी
अलग्न अलग
अलवण अलोना
अकथ्य अकथ
आ |
आखेट अहेर
आत्मन अपना
आशिष आशीष
आषाढ़ असाढ़
आदर्शिका आरसी
आरात्रिका आरती
आम्रचूर्ण आमचूर
आश्चर्य अचरज
आशा आस
आलस्य आलस
आभीर अहीर
आमलक आँवला
आर्द्रक अदरक
आर्य आरज
आदित्यवार एतवार
आशिष असीस
आम्र आम
आश्रय आसरा
आत्मा आप
आषाढ़ असाढ़
इ/ई |
इष्टिका ईट
इक्षु ईख
इयत इतना
ईर्ष्या ईर्षा
उ/ऊ |
उत्साह उछाह
उत्थान उठान
उज्जवल उजला
उत्तिष्ठ उठ
उच्छवास उसास
उत्पद्यते उपजना
उपरि पर
उपर्युक्त उपरोक्त
उलूखल ओखली
उल्लास हुलास
उद्वर्तन उबटन
उद्गम उगना
उपवास उपास
उद्वर्तन उबटन
उच्च ऊँचा
उष्ट्र ऊँट
उन्मना अनमना
उलूक उल्लू
उल्लास हुलास
ऊर्णा ऊन
ए |
एकत्र इकट्ठा
एला – इलायची
एकादश – ग्यारह
एकल – अकेला
ओ /अं |
ओष्ठ ओठ
अंध अंधा
अंगुष्ट अँगूठा
अंगरक्षक – अँगरखा
अंजलि – अंजुली
अंक – आँक
अंजलि – अंजली
आंत्र – आँत
अंगुलि – ऊँगली
अंधकार – अंधेरा
अंगुष्ठ – अंगूठा
अंगिका – अँगिया
अंबा – अम्मा
अंश – अंस
अंचल – आँचल
क |
किंचित – कुछ
कूर्चिका – कूँची
कर्पूर कपूर
कर्ण कान
कोकिल कोयल
कर्म काम
कूप कुआँ
कुक्षि कोख
कुंभकार कुम्हार
कुक्कुर कुत्ता
कुठार कुल्हाड़ा
कातर कायर
कज्जल काजल
काक कौआ
काष्ठ काठ
कोटि करोड़
कुष्ठ कोढ़
काया काय
कूट कूड़ा
कारवेल करेला
कांचन कंचन
कपाट किवाड़
केतक केवड़ा
क्रोड – गोंद
कषपट्टिका – कसौटी
कथानिका – कहानी
केविका – केवड़ा
कारूवेल्ल – करेला
कृष्ण – कान्हा
कंटक – कांटा
कमल – कँवल
कुमार – कुँआरा
कर्तरी – कैंची
कृत्यगृह – कचहरी
कुपुत्र – कपूत
कुक्षि – कोख
कंदुक – गेंद
काष्ठपादू – खड़ाऊँ
कारज – काज
कपोत – कबूतर
कंगण – कंगन
केविका – केवड़ा
कारूवेल्ल – करेला
कार्य – काज
कटाह – कड़ाह
कपिथ्य – कैथा
कृतगृह – कचहरी
कदली – केला
क्लेश – कलेश
कुब्ज – कुबड़ा
कुक्षी – कोख
कटु – कड़वा
कृषक – किसान
काष्ठगृह – कटहरा
कंटफल – कटहल
कुमारी – कुँवारी
कृपा – किरपा
कच्छप – कछुआ
कपर्दिका – कौड़ी
कर्पट – कपड़ा
कास – खाँसी
कीट – कीड़ा
कार्तिक – कातिक
केदारिका – क्यारी
ख |
खटवा – खाट
खर्जू – खुजली
खर्पर खपरा
खनि – खान
खर्जूर – खजूर
खटिका – खड़िया
ग |
गौर – गोरा
गायक – गवैया
गोपाल – ग्वाल
गर्भिणी गाभिन
गिद्रध गिद्ध
ग्राम गाँव
गर्दभ गदहा
गोधूम गेहूँ
गौरी गोरी
गुहा – गुफा
गंभीर गहरा
गणना गिनती
गात्र गात
गलन – गलना
गड/गल्ल – गाल
ग्राहक – गाहक
गृह – घर
गृद्ध – गिद्ध
गोस्वामी – गुसाईं
गोमय – गोबर
गृध – गीध
गृहिणी – घरनी
ग्रीवा – गर्दन
ग्रामीण – गँवार
गोत्र – गोत
गौ – गाय
ग्रंथि – गाँठ
गर्जन – गरज
घ |
घटिका – घड़ी
घात – घाव
घटः – घड़ा
घोटक – घोड़ा
घृणा घिन
घृत घी
च |
चैत्र चैत
चित्रक चीता
चणक चना
चंद्र – चाँद
चक्षु – चख
चतुष्पादिका चौकी
चंचु चोंच
चर्मकार चमार
चूर्ण चूना
चटका चिड़िया
चरित्र चरित
चतुर्दश चौदह
चणक – चना
चित्रकार – चितेरा
चतुष्कोण – चौकोर
चर्म – चमड़ा
चतुष्काठ – चौखट
चक्रवात – चकवा
चक्र – चक्का
छ/ज |
छत्र – छाता
छाया – छाँह
छिद्र छेद
जंघा – जाँघ
जामाता – दामाद
जिह्वा जीभ
ज्येष्ठ जेठ
जमाता जमाई
जव जौ
जन्यवास – जनवास
जंबुल – जामुन
जटा – जड़
ज्वलन – जलना
ड /त |
डोरक – डोरा
तिलक – टीका
तैल – तेल
तिलक – टीका
ताम्र ताँबा
तैल तेल
त्वरित तुरंत
तिक्त तीता
तीक्ष्ण – तीखा
तृण – तिनका
त्वम् – तुम
तरवारि – तलवार
तिथिवार – त्यौहार
तड़ाग – तालाब
द |
दूर्वा – दूब
दुर्बल दुबला
दधि दही
दंतधावन दातौन
दश दस
दुग्ध दूध
द्राक्षा – दाख
दीपक – दीया
दमन – दबना
दृष्टि – दीठि
दक्षिण – दाहिना
दन्त – दाँत
द्विवर – देवर
दीपावली – दिवाली
द्यूत – जुआ
दृक – दृग
दर्शन – दरसन
दंड – डंडा
ध |
धूलि – धूरि
धरित्री धरती
धूम्र धुआँ
धैर्य – धीरज
धौत्र – धोती
धान्य – धान
धृष्ट – ढीठ
धर्त्तूर – धतूरा
न |
निद्रा नींद
निर्वाह निवाह
नव्य नया
नयन – नैन
निष्ठुर – निठुर
नृत्य – नाच
नारिकेल – नारियल
निर्दर – निडर
नक्र – नाक
नकुल – नेवला
निम्बक – नींबू
निम्ब – नीम
निमंत्रण – नेउता
नव – नौ
नियम – नेम
नापित – नाई
निर्झर – झरना
नख – नाखून
नक्षत्र – नखत
निर्झर – झरना
नासिका – नाक
ननंदृपति – नंदोई
नवति – नब्बे
नवनवति – निन्यानवे
निर्गलन – निगलना
नस्या – नस
नस्ता – नाथ
प |
पिस्थिका – पीठी
पानीय – पानी
प्रतिवासी – पड़ोसी
परखः परसों
प्रस्तर पत्थर
पौत्र पोता
पद पैर
पक्व पक्का
पत्र पत्ता
पौष पूस
प्रिय पिया
पर्यंक पलंग
पूर्णिमा पूनम
परशु फरसा
पृष्ठ पीठ
पद पैर
पीत पीला
पारद – पारा
पवन – हवा
पक्वान्न – पकवान
पंडित – पंडा
प्रकट – प्रगट
पटल – पलड़ा
पर्ण – पान
पक्षी – पंछी
परशु – फरसा
पिपासु – प्यासा
पाषाण – पाहन
परीक्षा – परख
पुष्प – फूल
पदाति – पैदल
प्रहर – पहर
परिकूट – परकोटा
पंचदश – पंद्रह
पितृश्वसा – बुआ
प्रतिवेश्मिक – पड़ोसी
प्रत्यभिज्ञान – पहचान
प्रतिच्छाया – परछाई
प्राण – प्रान
पितृ – पिता
पश्चात – पीछे
पार्श्व – पास
पक्ष – पंख
पुत्र – पूत
पुत्रवधू – पतोहू
पश्चाताप – पछतावा
पट्टिका – पाटी
पुष्कर – पोखर
पिटक – पिटारा
परिधान – पहनना
प्रभात – पहट
पंच – पाँच
पुच्छ – पूँछ
पिपासा – प्यास
पुस्तिका – पोथी
पन्यशालिक – पंसारी
फाल्गुन फागुन
ब |
बधिर बहरा
बट बड़
बिंदु – बूंद
बलिवर्द – बैल
बालुका – बालू
बुष – भूसा
भ |
भ्रमर – भौरा
भिक्षा भीख
भित्ति भीत
भक्त भगत
भाग्नेय भांजा
भवभूति – विभूति
भ्रातृ भाई
भल्लूक भालू
भिक्षुक – भिखारी
भगिनी – बहिन
म |
मुद्रिका – मुदरी
मातुल – मामा
मधूक – महुआ
मुख्य – मुखिया
मृग – हिरण
मूषक – मूस
मालिनी मालिन
मुख मुँह
मौक्तिक मोती
माता – माँ
मयूर मोर
मित्र मीत
मस्तक माथा
मनुष्य – मानुष
मशक – मच्छर
मत्स्य – मछली
मृत्यु – मौत
मृत्तिका – मिट्टी
मरीच – मिर्च
मंत्रकारी – मदारी
मत्सर – मच्छर
मास – महीना
मणिकार – मनिहार
मृतघट्ट – मरघट
मेघ – मेह
मुक्तक – मुक्ति
म्रक्षण – मक्खन
मातृश्वसा – मौसी
मक्षिका – मक्खी
मुक्ता – मोती
मार्ग – मारग
महिषि भैंस
मर्कटी – मकड़ी
य |
यजमान जजमान
याचक जाचक
यश जस
योद्धा जोधा
यशोदा जसोदा
यज्ञोपवीत – जनेऊ
यवनिका – अजवाइन
यमुना – जमुना
यम – जम
यौवन – जोबन
व्याघ्र – बाघ
यव – जौ
योगी – जोगी
यति – जति
युवा – जवान
र |
रिक्त – रीता
राज्ञी – रानी
रूदन – रोना
रक्षासूत – राखी
राजपुत्र – राजपूत
रुक्ष – रूखा
रज्जु – रस्सी
रात्रि – रात
ल |
लक्ष लाख
लोक लोग
लवंग – लौंग
लवण – नोन
लक्ष्मण – लखन
लघुक – हल्का
लौहकार – लुहार
लौह – लोहा
लज्जा – लाज
व |
वेश – भेस
वृषभ – बैल
वाद्य – बाजा
वाराणसी – बनारस
वणिक – बनिया
व्यथा – विथा
व्याह – विवाह
वधू – बहू
वासगृह – बसेरा
वरयात्रा – बारात
वर्तिका – बत्ती
व्याख्यान – बखान
वंश – बांस
विद्युत – बिजली
वर्षा – बारिश
विग्रह – बीघा
वेधन – बींधना
वृक्ष – पेड़
विष्ठा बीठ
वानर बन्दर
वचन बैन
वायु बयार
वत्स बच्चा
वंध्या – बाँझ
वक – बगुला
श |
शलाका सलाई
श्याली साली
शत सौ
शिर सिर
शुष्क सूखा
शिक्षा सीख
शाक साग
शर्करा शक्कर
शय्या सेज
शिथिल – ढीला
श्यामल साँवला
शोभन – सोहन
श्मशान – मसान
श्मश्रु – मूँछ
शर्करा – शक्कर
शीर्ष – सीस
शिक्षा – सीख
शकट – छकड़ा
शण्ड – साँड़
स |
स्पर्श – परस
स्वर्ण – सुवरन
स्कन्ध – कंधा
स्थल – थल
सर्व – सब
सप्तशती – सतसई
सप्तसप्तति – सतहत्तर
सप्तदश – सत्रह
सप्ताशीति – सत्तासी
सलावण्य – सलोना
सौभाग्य – सुहाग
स्तोक – थोड़ा
सूचिका – सुई
सुर – स्वर
स्वर्णकार सुनार
सूर्य सूरज
स्नेह नेह
स्वश्रू सास
सायं साँझ
सप्त सात
सप्तवार – सितार
सुभाग सुहाग
सूई सूची
स्वर्ण सोना
सर्व सब
सर्षप सरसों
स्वप्न सपना
सर्प साँप
सत्य सच
स्तन थन
स्वामी साईं
सपली सौत
स्फूर्ति – फुर्ती
स्कन्ध – कंधा
सूत्र – सूत
ह |
हारि – हार
हीरक – हीरा
हस्ती हाथी
हस्त हाथ
हास्य हँसी
ह्रदय – हिय
हंडी – हांड़ी
हट्ट – हाट
हरित – हरा
हरिद्रा हल्दी
क्ष |
क्षेत्र खेत
क्षीर – खीर
क्षत्रिय – खत्री
क्षार – खार
क्षुर – खुर
क्षण – छिन
त्र |
त्रयोदश – तेरह
ज्ञातिगृह – नैहर
त्रिगुण – तिगुना
श्र |
शृंग – सींग
श्रावण – सावन
श्रृगाल – गीदड़
श्रवण – सरवन
श्रृंखला – सिकड़ी
शृंगाटक – सिंघाड़ा
शृंगार सिंगार
श्वशुर ससुर
श्वास साँस
श्रेष्ठी सेठ
श्वसुराल्य ससुराल
श्रृंखला साँकल
शृणु – सुन
देशज शब्द :- वे शब्द जिनकी उत्पत्ति के मूल का पता न हो परन्तु वे प्रचलन में हो, ऐसे शब्द देशी या देशज शब्द कहलाते हैं। ये शब्द आम तौर पर क्षेत्रीय भाषा में प्रयोग किए जाते हैं। देशी शब्दों के अंतर्गत प्रायः ऐसे शब्द आते है, जिनका मूल संस्कृत में नहीं मिलता और जो साहित्यिक भाषाओं से परे सामान्य जनता के बीच युग्मों से व्यवहृत होते आ रहे है। देशी शब्दों का एक कोश आचार्य हेमचन्द्र ने तैयार किया है, जिसे देशीनामामाला कहा गया है।
देशज शब्द के उदाहरण – कतवार, कबाड़, कुन्द, कुल्हड़, कोयला, कोल्हू, खट्टा, गड्डा, खटिक, खोट, खोसड़ा, खली, खाई, गड़बड़ गाड़ी, गुच्छा, गोली, गोबर, चावल, चेला, चोटी, छैला, छाल, लोटा, टाँग, पेट, अधाना, अंगोला, अच्छा, आँख मिचौनी, बड़ावर, अथाह, अलट-पलट, आपुस, हौवा, उकसाना, ओखली, उथल पुथल, उमड़, ऊब, ऑइछना, ओछरी, ओस, ओसाना, सहन करना, ओडघनी, ओहरना, महकना, कटारी, कंद, कंडा, इत्यादि।
विदेशज/आगत/विदेशी शब्द :- विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, उर्दू, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल है।
अरबी भाषा के शब्द :- किताब, आदमी, गरीब, कायदा, कातिल, खबर, ख़त्म, खत, ख्याल, ख़राब, खिदमत, गगैर, जाहिल, जलसा, जवाब, जहाज, जालिम, जिक्र, तमाम, तकाजा, तकदीर, तारिख, तकिया, तमाशा, तरफ, तादात, तरक्की, तजुरबा, दिमाग, दवा, दाबा, दावत, दफ्तर, दगा, दुआ, अदा, अजब, अजीब, अमीर, अक्ल, असर, अल्ला, आसार, आखिर, आदत, आदमी, इनाम, इज्जत, ईमारत, इस्तीफ़ा, इजाज, ईमान, उम्र, एहसान, औरत, औसत, औलाद, कसार, कसूर, कब्र, कदम, कमल, कर्ज, किस्मत, किला, कसम, कीमत, कसरत, कुर्सी, दफा, दुकान, दुनिया, दौलत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नकद, नक़ल, नहर, फ़कीर, फायदा, फैसला, बाज, बहस, बाकी इत्यादि।
फारसी भाषा के शब्द :- तनख्वाह, ताजा, दीवार, देहात, दस्तूर, दुकान, दरबार, दंगल, दिल, दिलेर, दरबार, दवा, नाव, नामर्द, नापसन्द, पलंग, पैदावार, पलक, पुल, पारा, पेशा, पैमाना, बहरा, बीमार, बेरहम, मादा, माशा, मलाई, मुर्दा, मजा, मलीदा, मुफ्त, मोर्चा, मीना, मुर्गा, मरहम, लगाम, शादी, शोर, सितारा, सितार, सरासर, सरदार, सूद, सौदागर, हजार, अफ़सोस, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आफत, आईना, उम्मीद, कबूतर, कमीना, कुश्ती, किशमिश, कमरबन्द, किनारा, कूचा, खाल, खुद, खामोश, खरगोश, खुश, खूब, खुराक, गल्ला, गोला, गवाह, गिरफ्तार, गरम, गिरह, गुल, गुलाब, चाबुक, चादर, चिराग, चूँकि, चेहरा, चाशनी, जंग, जहर, जिन्दगी, जादू, जान, जुरमाना, जिगर, जोश, तरकश, तमाशा, तेज, तीर, तबाह इत्यादि।
तुर्की भाषा के शब्द :- कैंची, चाकू, तोप, बंदूक, बेगम, उर्दू, मुग़ल, आका, काबू, कालीन, कुली, कुर्की, चेचक, चमचा, तोप, तमगा, तलाश, बहादुर, लाश, लफंगा, सौगात, सुराग।
पुर्तगाली भाषा के शब्द :- कमरा, काजू, गमला, गोदाम, गोभी, तौलिया, नीलाम, परत, मेज, लबादा, साया, पादरी, परात, इस्पात, आलपीन, आलमारी, बाल्टी, चाबी, फीता, तम्बाकू, आया, इस्पात, इस्तिरी, कमीज, कनस्टर।
अंग्रेजी भाषा के शब्द :- एजेंसी, कंपनी, कमीशन, कमिश्नर, कैम्प, क्लास, क्वार्टर, क्रिकेट, काउन्सिल, गजट, गार्ड, जेल, चेयरमैन, ट्यूशन, डायरी, डिप्टी, ड्राइवर, पेंसिल, पेन, नंबर, नोटिस, नर्स, थर्मामीटर, पार्टी, प्लेट, पार्सल, पेट्रोल, पाउडर, कॉलर, अफसर, इंजन, डॉक्टर, लालटेन, सिलेट, अस्पताल, कप्तान, तारपीन, बोतल, मील, अपील, आर्डर, इंच, इंटर, इयरिंग।
जापानी भाषा के शब्द :- रिक्शा, झम्मान, सायोनारा आदि।
संकर (मिश्रित) शब्द :- दो भिन्न भाषाओं के शब्दों के मेल से बने शब्द शंकर शब्द कहलाते हैं।
संकर शब्द के उदाहरण:-
1.संस्कृत एवं हिन्दी- भोजन-गाड़ी, उप-बोली, रात्रि-उड़ान आदि।
2.संस्कृत एवं फारसी- खरीदना, कमर-पट्टी, बैडोलजेब, कतरा आदि।
3.अरबी एवं हिन्दी- मालगाड़ी, किताबघर, अखबारवाला, आजायबघर, हवाचक्की, आम चुनाव, कलम-चोर आदि।
- तुर्की एवं हिन्दी- तोप-तलवार, तोप-गाड़ी आदि।
- अरबी एवं फारसी- अकलमंद, गोताखोर, तहसीलदार, फिजूलखर्च आदि।
- हिन्दी एवं फारसी- किरायेदार, छापाखाना, थानेदार, कटोरदान, चमकदार, मसालेदार, पंचायतनामा आदि।
- अंग्रेजी एवं हिन्दी- रेलवे-भाड़ा, पुलिस-चौकी, डाक-घर, टिकट-घर, डबल-रोटी, रेल-गाड़ी, अलार्म-घड़ी, सिनेमा-घर आदि ।
- हिन्दी एवं अंग्रेजी- कपड़ा-मिल, जाँच-कमीशन, लाठी-चार्ज, अश्रुगैस आदि।
- अंग्रेजी एवं फारसी- जेलखाना, सीलबंद आदि।
- अंग्रेजी एवं अरबी- पोकेट-खर्च, सिनेमा-शौकीन, सिविल नाफरमानी।
- अंग्रेजी एवं संस्कृत- ऑफिस-कर्मचारी, टैंकयुद्ध, मशीनीकरण, रेल-विभाग,
व्युत्पत्ति के आधार पर या रचना या बनावट के आधार पर हिंदी में शब्द के निम्नलिखित तीन भेद हैं- रूढ़, यौगिक तथा योगरूढ़।
रूढ़ शब्द :- जो शब्द हमेशा किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हो तथा जिनके खण्ड कर देने पर कोई अर्थ नहीं निकलता है, उन्हें ‘रूढ़’ शब्द कहते है। जैसे – पेड़ शब्द का खंड करने पर ‘पे‘+ ‘ड़’, दोनों का कोई अर्थ नहीं निकल रहा हैं, अतः यह रूढ़ हैं। उदाहरण – कमल, पुस्तक, मोर, नाक, कान, पीला, पर, झट आदि।
यौगिक शब्द :- जो शब्द अन्य शब्दों के योग से बने हो तथा जिनके प्रत्येक खण्ड का कोई अर्थ हो, उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। ‘यौगिक’ यानी योग से/संयोग से बनने वाले शब्द हैं। दो या दो से अधिक रूढ़ शब्दों के योग से यौगिक शब्द बनते हैं। जैसे- दूध + वाला, शिव + आलय, विद्या + आलय। यहाँ प्रत्येक शब्द के दो खण्ड हैं और दोनों खण्ड सार्थक हैं।
योगरूढ़ शब्द :- वे शब्द, जो यौगिक तो हैं, किन्तु सामान्य अर्थ को न प्रकट कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। जैसे – त्रिनेत्र, नीलकंठ, पंकज, दशानन, चंद्रशेखर, लम्बोदर आदि।
देशज – टपरा, खाट, धड़ाम, फटाफट, जूता
खटिया, खुरपी, अंटा, चसक, झाड़, भौंकना, छलछल, डकार, झिलमिल, ठेठ, खिड़की, छपाक,
झुग्गी, झिलमिल, धक्का, फुनगी, ठुमरी, पगड़ी,
चिड़िया, कटोरा, खखरा, ‘कलाई, खिचड़ी, डिबिया,
डोंगा, झंझट, खाट, ठक-ठक, पों-पों, हल्दी, खर्राटा
टोटी, मूँगा, कबड्डी, बाबा, कपास।
विदेशज –
अरबी- हकीकत, इंसान, औरत, अत्तार, दलाल इशारा, लिफाफा, मानसून, जनाब, इलाज, हवालात, तारीख़, जिस्म, साबुन।
फ़ारसी – बार-अस्क, खुराक, दीदार, चाबुक, जागीर, लश्कर, हफ्ता, सरकार, गोश्त, बेहूदा, चश्मा, समोसा, अनार, अंगूर आराम, आमदनी, आवाज़।
अंग्रेजी – फिट, ऑक्सीजन, साइकिल, स्कूल, पुलिस, बस।
तुर्की- लाश।
फ्रेंच – कारतूस।
पुर्तगाली – कमीज, गमला, पतलून, अचार, पिस्तौल।