Shrutisam bhinnarthak shabd
समश्रुति भिन्नार्थक शब्द(Shrutisam bhinnarthak shabd) – हिंदी व्याकरण में कई प्रकार के ऐसे शब्द होते हैं जो सुनने में एक जैसे लगते हैं परंतु उनके अर्थ भिन्न-भिन्न होते हैं। जिनको श्रुतिसम या समश्रुत भिन्नार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे– अचार और आचार दोनों के पढ़ने में लगभग एक जैसे लगते हैं परन्तु उनके अर्थ भिन्न हैं।
अचार = खट्टा खाद्य पदार्थ और आचार= व्यवहार।
कुछ महत्वपूर्ण श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द (Shrutisam bhinnarthak shabd):
अग (सूर्य) – अघ (पाप)
अगम (दुर्लभ, अगम्य) – आगम (प्राप्ति, शास्त्र, उत्पत्ति)
अचर (न चलने वाला) – अनुचर (दास, नौकर)
अचल (पर्वत) – अचला (पृथ्वी)
अजर (जो बूढ़ा न हो) – अजिर (आँगन)
अर्जन (संग्रह करना) – अर्चन (पूजा)
अणु (कण) – अनु (पीछे)
अथक (बिना थके हुए) – अकथ (जो कहा न जाए)
अधम (नीच) – अधर्म (पाप)
अभय (निर्भय) – उभय (दोनों)
अनल (आग) – अनिल (हवा)
अन्न (अनाज) – अन्य (दूसरा)
अवलम्ब (सहारा) – अविलम्ब (शीघ्र)
अंस (कंधा) – अंश (हिस्सा)
अँगना (घर का आँगन) – अंगना (स्त्री)
अम्बु (जल) – अम्ब (माता, आम)
अंंबुज (कमल) – अंबुद (बादल)
अम्बुज (कमल) – अम्बुधि (सागर)
अब्ज (कमल) – अब्द (बादल, वर्ष)
अध्ययन (पढ़ना) – अध्यापन (पढ़ाना)
अनिल (हवा) – अनल (आग)
अनिष्ट (बुराई) – अनिष्ठ (निष्ठारहित)
अपेक्षा (इच्छा) – उपेक्षा(निरादर)
अभ्याश (पास) – अभ्यास (रियाज/आदत)
अभ्यास (बार-बार करना) – आभास (प्रतीत होना)
अभिहित (कहा हुआ) – अविहित (अनुचित)
अभिराम (सुन्दर) – अविराम (लगातार, निरन्तर)
अभिज्ञ (जाननेवाला) – अनभिज्ञ (अनजान)
अभिज्ञ (जानकार) – अविज्ञ (मूर्ख)
अमूल (बिना जड़ के) – अमूल्य (अनमोल)
अयश (अपकीर्त्ति, अपयश) – अयस (लोहा)
अयुक्त (अनुचित) – आयुक्त (कमिश्नर)
अलोक (निर्जन) – आलोक (प्रकाश)
अवधि (समय) – अवधी (अवध प्रान्त की भाषा)
अवलम्ब (सहारा) – अविलम्ब (शीघ्र)
अशक्त (असमर्थ, शक्तिहीन) – असक्त (विरक्त)
असन (भोजन) – आसन(बैठने की वस्तु)
असाध (कठिन) – असाधु (दुष्ट)
अश्व (घोड़ा) – अस्व (धनहीन)
असित (काला) – अशित (भोथा)
अरि (शत्रु) – अरी {सम्बोधन (स्त्री के लिए)}
अलि (भौंरा) – अली (सखी)
अक्ष (धुरी) – यक्ष (एक देवयोनि)
आकर (खान) – आकार (रूप)
आर्त (दुखी) – आर्द्र (गीला)
आर्ति (दुःख) – आर्त्त (चीख)
आदि (आरम्भ, इत्यादि) – आदी (अभ्यस्त, अदरक)
आभरण (गहना) – आमरण (मरण तक)
आयत (समकोण चतुर्भुज) – आयात (बाहर से आना)
आरति (दुःख, विरक्ति) – आरती (धूप-दीप दिखाना)
आवास (रहने का स्थान) – आभास (झलक, संकेत)
आसकत (सुस्ती) – आसक्त (लिप्त)
आस्तिक (ईश्वरवादी) – आस्तीक (एक मुनि)
आहुत (यज्ञ) – आहूत (निमंत्रण)
ओर (तरफ़) – और (तथा / अन्य)
इति (समाप्ति) – ईति (आपत्ति)
इन्दु (चंद्रमा) – इंदुर (चूहा)
इंदिरा (लक्ष्मी) – इंद्रा (इंद्रा की पत्नी)
इत्र (सुगंध) – इतर (दूसरा)
इड़ा (पृथ्वी/नाड़ी) – ईड़ा (स्तुति)
उत्पात (उपद्रव) – उत्पाद् (उत्पन्न वस्तु)
उद्धत (अक्खड़) – उछंग (हृदय)
उद्धत (उद्दंड) – उद्दत (तैयार)
उपकार (भलाई) – अपकार (बुराई)
उपभोग (भोगना) – उपयोग (व्यवहार में लाना)
उपयुक्त (ठीक) – उपर्युक्त (ऊपर कहा हुआ)
उपाधि (पद/ख़िताब) – उपाधी (उपद्रव)
ऋत (सत्य) – ऋतु (मौसम)
एतवार (रविवार) – ऐतवार (विश्वास)
कंगाल (भिखारी) – कंकाल ( ठठरी)
कटक (सेना) – कंटक (काँटा)
कटि (कमर) – कटी (कटना)
कटीली (तीक्ष्ण) – कँटीली (काँटेदार)
कपि (बंदर) – कपी ( घिरनी)
कपीश (हनुमान, सुग्रीव) – कपिश (मटमैला)
कर्म (काम) – क्रम (सिलसिला)
कर (हाथ) – कारा (जेल)
करकट (कूड़ा) – कर्कट (केंकड़ा)
करण (साधन) – कर्ण (कान)
करीश (गजराज) – करीष (सूखा गोबर)
कल्पना (कृत्रिम विचार) – कलपना (दुखी रहना)
कलि (कलियुग) – कली (कलिका)
कलिल (मिश्रित) – क़लील (थोड़ा)
कांति (चमक) – क्लांति (थकावट)
कान्ति (सोना, चमक) – क्रान्ति (विद्रोह)
कादंबरी (शराब) – कादंबिनी (घटा)
कीट (कीड़ा) – कटि (कमर)
किला (गढ़) – कीला (खूँटा, गड़ा हुआ)।
कीश (बन्दर) – कीस (गर्भ का थैला)
काश (शायद /एक घास) – कास (खाँसी)
कुच (स्तन) – कूच (प्रस्थान)
कुजन (दुष्ट) – कूजन (पक्षियों की चहचहाहट)
कुटी (झोपड़ी) – कूटी (दुती, जालसाज)।
कुल (वंश / योग) – कूल (किनारा)
कृत (निर्मित) – कृत्य (कार्य)
कृतज्ञ (उपकार मानने वाला) – कृतघ्न ( उपकार न मानने वाला)
कृति (रचना) – कृती (निपुण, पुण्यात्मा)
कृपण (कंजूस) – कृपाण (कटार)
कृषक (किसान) – ग्राम (गाँव)
कृशानु (आग) – कृषाण (किसान)
केतु (झण्डा) – केत (घर)
कोर (किनारा) – कौर (ग्रास)
कोश (शब्दकोश) – कोष (खजाना)
कोशल (अयोध्या का प्रदेश) – कौशल (निपुणता)
कोड़ा (चाबुक) – कोरा (नया)
खादि (खाद्य, कवच) – खादी (ख़द्दर, कटीला)।
खारी (नमकीन) – खाड़ी (उपसागर)
गण (समूह) – गण्य (गिनने योग्य)
गज (हाथी) – गज (मापक)
ग्रंथ (पुस्तक) – ग्रंथि (गाँठ)
ग्रह (सूर्य, चन्द्र आदि) – गृह (घर)
ग्रह (नक्षत्र) – गृह (घर)
गिरीश (हिमालय) – गिरिश (शिव)
गिरी (गिरना) – गिरि (पर्वत)
गेय (गाने योग्य) – ज्ञेय (जानने योग्य)
चक्रवात (बवण्डर) – चक्रवाक (चकवा पक्षी)
चतुष्पढ़ (जानवर) – चतुष्पथ (चार पैर वाला)
चतुष्पथ (चौराहा) – चतुष्पद (चार पैरो वाला)
चर्म (चमड़ा) – चरम (अत्यधिक)
चरि (पशु) – चरी (चरागाह)
चिर (पुराना) – चीर (कपड़ा)
चिर (दीर्घ) – चीर (कपड़ा)
छत्र (छाता) – छात्र (विद्यार्थी)
छत्र (छाता) – क्षत्र (क्षत्रिय)
जगत (कुँए का चौतरा) – जगत् (संसार)
जरा (बुढ़ापा) – ज़रा (थोड़ा)
जलज (कमल) – जलद (बादल,समुद्र)
जघन्य (क्षुद्र) – जघन (नितम्ब)
जोश (आवेश) – जोष (आरा)
टुक (थोड़ा) – टूक (टुकड़ा, देखना)
डोंगी (छोटी नाव) – ढोंगी (पाखण्डी)
तप्त (गर्म) – तृप्त (संतुष्ट)
तरंग (लहर) – तुरंग (घोड़ा)
तरी (गीलापन) – तरि (नाव)
तक्र (छाछ) – तर्क (बहस)
तरणि (सूर्य) – तरणी (नाव)
तरंग(लहर) – तुरंग (घोड़ा)
तड़ाक (जल्दी) – तड़ाग (तालाब)
तोश (हिंसा) – तोष (संतोष)
तृण (त्राण) – तिनका ( मुक्ति, छुटकारा)
दिन (दिवस) – दीन (गरीब)
दमन (दबाना) – दामन (आँचल)
दशन (दांत) – दंशन (दांत से काटना)
दायी (देनेवाला) – दाई (नौकरानी)
दारु (लकड़ी) – दारू (शराब)
द्विप (हाथी) – द्वीप (टापू)
दिया (देना) – दीया (दीपक)
देव (देवता) – दैव (भाग्य)
द्रव (तरल पदार्थ) – द्रव्य (धन)
धत (लत) – धत् (दुत्कारना)
घन (बादल) – धन (सम्पत्ति)
धराधर (शेषनाग) – धड़ाधड़ (जल्दी से)
नक्र (मगर) – नर्क (नरक)
निर्झर (झरना) – निर्जर (देवता)
नियत (निश्चित) – नियति (भाग्य)
नीवार (जंगली धान) – निवार (रोकना)
निसान (झंडा) – निशान (चिह्न)
नीड़ (घोंसला) – नीर (पानी)
पर्ण (पत्ता) – प्रण (प्रतिज्ञा)
पता (ठिकाना) – पत्ता (पत्र)
परिणाम (नतीजा) – परिमाण (मात्रा)
परिवर्तन (बदलाव) – प्रवर्तन (आगे लाना)
परुष (कठोर) – पुरुष (आदमी)
प्रवाद (जनश्रुति) – प्रमाद (आलस्य)
प्रसाद (कृपा) – प्रासाद (महल)
पास (निकट) – पाश (बन्धन)
फण (साँप का फण) – फन (कला, कारीगर)
बन्दी (कैदी) – वन्दी (भाट, चारण)
बल (ताकत) – वल (मेघ)
बलि ( बलिदान) – बली ( वीर)
बहन (बहिन) – वहन (ढोना)
बार (दफा) – वार (चोट)
बास (महक, गन्ध) – वास (निवास)
भट (योद्धा) – भाट (चारण)
भंगि (लहर) – भंगी (मेहतर)
भीड़ (जनसमूह) – भिड (बर्रे)
मणि (एक रत्न) – मणी (साँप)
मद (आनंद) – मद्य (शराब)
मद्य (शराब) – मध्य (बीच)
मनुज (मनुष्य) – मनोज (कामदेव)
मरीचि (किरण) – मरीची (सूर्य, चन्द्र)
मल (गंदगी) – मल्ल (योद्धा)
मांस (गोश्त) – मास (महीना)
मातृ (माता) – मात्र (केवल)
मूल (जड़) – मूल्य (कीमत)
मेघ (बादल) – मेध (हवन/यज्ञ)
रग (नस) – राग (लय)
रद (दाँत) – रद्द (खराब)
रंक (गरीब) – रंग (वर्ण)
रंचक (थोड़ा) – रंजक (मेंहदी)
राज (राजा/प्रान्त)– राज (रहस्य)
लक्ष्य (उद्देश्य) – लक्ष (लाख)
वरण (चुनना) – वरन् (बल्कि)
वसन (कपड़ा) – व्यसन (बुरी आदत)
व्रण (घाव) – वर्ण (रंग, अक्षर)
व्यंग (विकलांग) – व्यंग्य (ताना, उपालम्भ)
वात (हवा) – बात (बातचीत)
वित्त (धन) – वृत्त (गोलाकार, छन्द)
विभात (प्रभात) – विभाति (शोभा/सुन्दरता)
विस्मित (चकित) – विस्मृत (भूला हुआ)
वृंत (डंठल) – वृंद (समूह)
शब (रात) – शव (लाश)
शम (संयम) – सम (समान)
शर्म (लाज) – श्रम (मेहनत)
शर्व (शिव) – सर्व (सब)
शाला (घर, मकान) – साला (पत्नी का भाई)
शहर (नगर) – सहर (सबेरा
शिरा (नाड़ी/नलिका) – सिरा (छोर/किनारा)
शुल्क (फीस, टैक्स) – शुक्ल (उजला)
शूर (वीर) – सुर (देवता, लय)
शूर (वीर) – सूर (अंधा)
शूक (जौ) – शुक (सुग्गा)
शूकर (सूअर) – सुकर (सहज)
षष्टि (साठ) – षष्ठी (छठी)
सकल (संपूर्ण) – शकल (अंश)
समान (तरह, बराबर) – सामान (सामग्री)
समवेदना (साथ-साथ दुखी होना) – संवेदना (अनुभूति)
सन् (साल) – सन (पटुआ)
संकर (मिश्रित) – शंकर (शिव)
सन्मति (अच्छी बुद्धि) – संमति (परामर्श)
संग (साथ) – संघ (समिति)
संतति (संतान) – सतत (सदा)
सन्देह (शक) – सदेह (देह के साथ)
सम (समान) – शम(मोक्ष)
सर (तालाब) – शर (तीर)
सर्ग (अध्याय) – स्वर्ग (एक लोक)
स्वेद (पसीना) – श्वेत (उजला)
स्वर (आवाज) – स्वर्ण (सोना)
स्वक्ष (सुंदर आँख) – स्वच्छ (साफ)
सिता (चीनी) – सीता (जानकी)
सिर (मस्तक) – सीर (हल)
सीसा (एक धातु) – शीशा (दर्पण)
सुखी (आनन्दित) – सखी (सहेली)
सुन (सुनना) – सून (पुत्र)
सुधी (विद्वान) – सुधि (स्मरण)
सूत (धागा) – सुत (बेटा)
सेव (बेसन का पकवान) – सेब (एक फल)
हय (घोड़ा) – हिय (हृदय)
हरि (विष्णु) – हरी (हरे रंग की)
हँसी (हँसना) –हंसी (हंसनी)
हुति (हवन) – हूति (बुलावा)
क्षति (हानि) – क्षिति (पृथ्वी)
क्षिति (पृथ्वी) – क्षति (हानि)
श्र्वेत (उजला) – स्वेद (पसीना)